Thursday, November 15, 2018

أحدث نسخة من تطبيق بي بي سي عربي على هاتفكم

وتحدث السكان عن قطع الحوثيين الاتصالات الأرضية، والهاتف المحمول، وشبكة الإنترنت كافة منذ أمس الثلاثاء.
ولجأ الحوثيون، وفقا لشهود عيان ومصادر عسكرية يمنية، إلى تفخيخ كافة المؤسسات والمرافق الحكومية بالألغام والمتفجرات، عند مغاردتهم للأحياء التي فقدوا السيطرة عليها في المدينة.
وكان وزير الشباب والرياضة في حكومة الحوثيين، حسن زيد، قد دعا في تصريح نشره في حسابه الرسمي على فيس بوك، إلى تفخيخ ميناء الحديدة قبل الانسحاب منه.
كما أفادت تقارير لمنظمات إغاثة دولية بتفجير الحوثيين منشآت مستشفى 22 مايو في المدينة قبل الانسحاب منه، ولكن الحوثيين نفوا هذا في تصريحات نشرتها وسائل إعلام تابعة لهم
أعدمت إيران تاجر عملة يُعرف باسم "سلطان العملات" بتهمة جمع كميات كبيرة من العملات الذهبية.
وكان القضاء الإيراني قد أصدر حكما بالإعدام على وحيد مظلومين وعضو آخر في شبكة للإتجار بالعملات يمتلكها بتهمة "نشر الفساد في الأرض".
وبحسب وكالة أنباء الطلبة الإيرانية، جمع مظلومين وشركاؤه نحو طنين من العملات الذهبية.
وارتفع الطلب على العملات الذهبية والدولار الأمريكي في إيران مع انخفاض قيمة العملة في البلادوفي أعقاب العقوبات الأمريكية الأخيرة على إيران، فقد الريال نحو 70 في المئة من قيمته مقابل الدولار الأمريكي.
وأدى ذلك إلى ارتفاع تكاليف المعيشة وخروج مظاهرات إلى الشوارع للتنديد بالفساد.
وقد أطلق المرشد الأعلى آية الله علي خامنئي مبادرة خلال الصيف لمواجهة "الجرائم المالية".
وكان مظلومين واحدًا من بين سبعة أشخاص على الأقل صدرت بحقهم أحكام بالإعدام هذا العام من قبل محاكم جديدة تنظر في القضايا المالية ، وتم بث بعض جلسات المحاكمة على الهواء مباشرة عبر التلفزيون الرسمي.
انطلقت اليوم الجلسة الأولى من منتدى" مسك" العالمي الذي يترأسه ولي العهد السعودي محمد بن سلمان ضمن رؤيته 2030، في فندق "فورسيزنز" في الرياض، بحضور العديد من رجال الأعمال والشركات العالمية. وقد قاطع عدد من رجال الأعمال حضور المنتدى على خلفية مقتل الصحفي السعودي جمال خاشقجي في القنصلية السعودية في اسطنبول.
ومن أهم المؤسسات التي قاطعت المنتدى، مؤسسة "بيل وميليندا غيتس" الخيرية العالمية التي يمتلكها الملياردير الأمريكي بيل غيتس، التي قطعت علاقتها مع مسك قبل جلستها الأولى لنفس السبب قائلةً:"لا توجد لدينا حالياً خطط للتعاون في أي برامج قادمة مع مؤسسة مسك الخيرية".
ويقول محرر الشؤون العربية في بي بي سي "إن المنتدى هو ثاني حدث مهم في السعودية بعد مؤتمر "دافوس في الصحراء" الذي يهدف إلى تلميع صورة السعودية، وولي عهدها، بوجه خاص، ولكن حادثة قتل خاشقجي المروعة حالت دون تحقيق ذلك.
وتستمر الجلسة على مدار يومين ويحضره أكثر من 100 متحدث من دول عربية وأوروبية، ويشارك فيه أكثر من 50 شريكا دوليا.
يهدف هذا المشروع إلى تمكين الشباب والشابات السعوديات في البلاد، عن طريق منحهم فرصا مختلفة لتشجيع التبادل الثقافي وغيره بين الشباب في السعودية والعالم بحسب ما جاء على موقع المؤسسة الالكتروني.
وقال ولي العهد محمد بن سلمان:" سنسعى من خلال مؤسسة مسك الخيرية إلى الأخذ بيد المبادرات والتشجيع على الإبداع، بما يضمن استدامتها ونموها، وسنوفر البيئة المناسبة للاستثمار في رأس المال البشري لتمكين غالبية البلاد من التطور".
الإعلام: تركز مسك على تنمية المهارات الإعلامية، من منطلق أن "الإعلام مسؤولية اجتماعية لبناء وتنمية مستوى الوعي لدى المجتمع".
الثقافة: من ضمن الأنشطة التي قامت بها مسك، مشاركتها في معرض الرياض الدولي للكتاب. ففي عام 2015، نظمت المؤسسة 10 ندوات عن خبرات وتجارب الشباب في التأليف، و6 ورش عمل، بمشاركة متحدثين ومدربين في المجالات الثقافية.
التعليم: من خلال تهيئة الكوادر البشرية والكفاءات اللازمة من أجل بناء مشاريع تنمية على كافة المستويات.
يمكنكم تسلم إشعارات بأهم الموضوعات بعد تحميل أحدث نسخة من تطبيق بي بي سي عربي على هاتفكم المحمول.

رسالة المؤسسة هي تمكين المجتمع في كافة مجالات الحياة والتقدم على أعلى المستويات في مجال الأعمال والأدب والثقافة والعلوم الاجتماعية والتكنولوجية، عن طريق إنشاء حاضنات لتطوير وإنشاء وجذب مؤسسات عالية المستوى، وتوفير البيئة التنظيمية لذلك.

Friday, October 5, 2018

क्यों दरक रही है भारत और रूस की दोस्ती की दीवार?

ऐसा ही एक मामला है बिहार की रहने वाली दीपिका (बदला हुआ नाम) का जिन्हें इस खौफ़नाक शोषण से तब गुज़रना पड़ा जब वो महज़ सात साल की थीं.
दीपिका बताती हैं, ''लोग अक्सर कहते हैं कि उन्हें अपने बचपन में लौटना है, लेकिन मुझे दुबारा अपना बचपन नहीं चाहिए. मुझे उससे डर लगता है. मुझे आज तक अफ़सोस है कि मैं कुछ नहीं कह पाई.''
''मैं सात साल की थी जब मेरे साथ वो सब शुरू हुआ. वो हमारे घर और दुकान पर कई सालों से काम करते थे. मेरे जन्म से भी पहले से. घरवालों को उन पर पूरा भरोसा था. दुकान में जब कोई नहीं होता तो वो मुझे अपनी गोद में बिठाते और सहलाने लगते. मुझे अच्छा तो नहीं लगता था, लेकिन समझ ही नहीं आता था कि वो क्या कर रहे हैं.'' उन्हें लेकर मेरा डर और बढ़ता गया. मैं उनके पास नहीं आना चाहती थी. लेकिन, मम्मी कभी खाना देने तो कभी उन्हें बुलाने उनके कमरे में भेज देती.''
''मैं कहती थी कि अंकल के पास नहीं जाना, लेकिन घरवालों को कारण समझ नहीं आता था. उन्हें लगता कि बच्ची हूं तो ऐसे ही कुछ भी बोल देती हूं. लेकिन मैं लाख चाहकर भी ये पूरी बात नहीं बोल पाती थी. सही शब्द, सही तरीका मैं कभी ढूंढ नहीं पाती.''
डॉक्टर प्रवीण त्रिपाठी भी बताते हैं कि बच्चों के मामले बड़ों से कहीं ज़्यादा मुश्किल होते हैं. उन्हें शारीरिक अंगों के नाम, सेक्शुअल एक्टिविटी से जुड़े शब्द नहीं पता होते. इसलिए बच्चे कहते हैं कि वो अंकल अच्छे नहीं हैं, उनके पास नहीं जाना, वो गंदे हैं. मां-बाप को ऐसे इशारों को समझना चाहिए.
वह बताते हैं कि बड़ी लड़कियों को इन मामलों में शर्म भी महसूस होती है. उन्हें लगता है कि उनके कैरेक्टर पर सवाल उठने लगेंगे.
अगर बच्चों की बात न समझी जाए तो इसका असर पूरी ज़िंदगी पर पड़ सकता है.
डॉक्टर प्रवीण ने बताया, ''यौन उत्पीड़न के शिकार लोग डिप्रेशन में जा सकते हैं. कई बार वो ​ज़िंदगी भर उस वाकये को नहीं भूल पाते. उन्हें सेक्शुअल डिसऑर्डर हो सकता है. आत्मविश्वास ख़त्म हो जाता है.''
दीपिका ने भी धीरे-धीरे अपने रिश्तेदारों के पास जाना कम कर दिया था.
उन्होंने बताया, ''धीरे-धीरे मैं घर आने वाले मेहमानों से दूरी बनाने लगी. कोई अंकल या मामा-चाचा भी आते तो मैं उनसे दूर रहती. उनके छूने या गोद में लेने से ही मुझे वो अंकल याद आ जाते. हर छूना ग़लत लगने लगा था.''
''इसका नतीजा ये हुआ कि मम्मी-पापा मुझे डांटने लगे. मैं एक गंदी बच्ची बन गई जो बड़ों की इज्ज़त नहीं करती. उन्होंने जानने की कोशिश ही नहीं की कि मैं क्या सोचती हूं. मुझे लगता है कि बड़ों के दिमाग़ में दूर-दूर तक ये बात नहीं होती कि बच्चों के साथ भी ऐसा हो सकता है. वो हर व्यवहार को बचपना समझ लेते हैं. ''
मैं चुप रही और दो साल तक ये झेलती रही. फिर जब अंकल को अपने गांव लौटना पड़ा तो जैसे मुझे कैद से आज़ादी मिल गई. अब भी लगता है कि मम्मी-पापा को कुछ बताऊंगी तो उन्हें बुरा लगेगा और अब वो कुछ कर भी नहीं सकते.
क्या करें माता-पिता
डॉक्टर प्रवीण कहते हैं, ''हमारे समाज में समस्या ये है कि सेक्स जैसे मसलों पर बात नहीं होती. मां-बाप ख़ुद इन बातों को बहुत कम समझ पाते हैं. बच्चों को सबसे पहले ये भरोसा होना चाहिए कि उनका शिकायत करना सुरक्षित है. इसके बाद उन्हें डांट नहीं पड़ेगी. इसलिए हमेशा ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे बच्चे अपनी परेशानी आसानी से ज़ाहिर कर सकें. ये बात हर उम्र के बच्चे के लिए लागू होती है. इन सब में सेक्स एजुकेशन सबसे ज़्यादा ज़रूरी है.
मिसाल के तौर पर सीरिया में देखा जा सकता है. अमरीका लाख चाहता रहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बाहर किया जाए, लेकिन रूसी समर्थन ने उन्हें बचा लिया. अब दुनिया भले ही दो ध्रुवीय नहीं है, लेकिन कई मामलों में रूस और चीन आज भी अमरीकी नेतृत्व को चुनौती देते दिखते हैं.
रूस यूँ तो भारत का पारंपरिक दोस्त रहा है, लेकिन उसकी क़रीबी हाल के वर्षों में चीन से बढ़ी है. चीन और भारत के बीच 1962 में एक युद्ध हो चुका है और भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था. दोनों देशों के बीच आज भी सीमा विवाद का समाधान नहीं हो पाया है. ऐसे में रूस और चीन की दोस्ती को भारत कैसे देखता है? चीन और रूस की दोस्ती का असर भारत पर क्या पड़ेगा?
भारत और अमरीका में क़रीबी के कारण भी रूस और भारत के बीच दूरियां बढ़ी हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार 2008-2012 तक भारत के कुल हथियार आयात का 79 फ़ीसदी रूस से होता था जो पिछले पांच सालों में घटकर 62 फ़ीसदी हो गया है.
वहीं कल तक जो पाकिस्तान हथियारों की ख़रीद अमरीका से करता था अब रूस और चीन से कर रहा है. पाकिस्तान अपनी सैन्य आपूर्ति की निर्भरता अमरीका पर कम करना चाहता है. टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार अमरीका और पाकिस्तान के बीच का हथियारों का सौदा एक अरब डॉलर से फिसलकर पिछले साल 2.1 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है.
पूर्वी रूस और साइबेरिया में इस महीने की शुरुआत में चीनी सेना एक युद्धाभ्यास में शामिल हुई. इसमें चीनी सेना के साजो-सामान भी शामिल हुए थे. इसे 1981 के बाद का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास बताया जा रहा है.
दोनों देशों के इस सैन्य अभ्यास को चीन और रूस की नई रणनीतिक जुगलबंदी के तौर पर देखा जा रहा है. पश्चिम के कई पर्यवेक्षकों ने तो इस युद्धाभ्यास को अमरीका के ख़िलाफ़ रूस और चीन की साझी तैयारी के तौर पर पेश किया.
हा जा रहा है कि अमरीका ने चीन के ख़िलाफ़ जो ट्रेड वॉर शुरू किया और रूस के ख़िलाफ़ जो आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं, वैसे में दोनों देशों का साथ आना लाजिमी है.
चीन और रूस के बीच पिछले 25 सालों में संबंधों में गर्माहट आई है. हालांकि दोनों देशों में 1960 और 1970 के दशक में लड़ाई भी हुई है. सोवियत संघ के आख़िरी सालों से दोनों देशों की क़रीबी बढ़ने लगी थी.
आज की तारीख़ में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमरीका और उसके सहयोगियों को रोकने के लिए साथ मिलकर कई बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया है.
दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद रूस और चीन का वो पक्ष कई बार खुलकर सामने आया है कि दुनिया बहुध्रुवीय रहे. मध्य-पूर्व में जब अमरीका, ईरान को लेकर कठोर होता है तो रूस और चीन दोनों मिलकर उदार रुख़ का परिचय देते हैं.

Monday, September 24, 2018

बारिश का तांडव, केलांग-किन्नौर में भारी बर्फबारी, 8 मरे

हिमाचल प्रदेश में आसमान से बरसती आफत ने बीते 24 घंटों के दौरान कई लोगों की जानें लीं जबकि प्रदेश के कई मार्ग बंद हो गये हैं। राज्य के तमाम छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। जनजातीय जिला लाहौल स्पिति, किन्नौर, चंबा जिला के पांगी और भरमौर तथा धौलाधार पहाड़ियों पर आज तीसरे दिन भी हिमपात जारी रहा। खासकर लाहौल स्पिति जिला में हो रही भारी बर्फबारी से ये पूरा जिला जहां शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है वहीं जिले के भीतरी भागों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं पूरी तरह ठप्प हैं तथा लोग अपने घरों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। जानकारी के मुताबिक केलांग-लेह सड़क पर जिंगजिंगबार और दारचा के बीच लगभग तीन सौ पर्यटक फंसे हुए हैं। भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद होने की वजह से फंसे लोगों को निकालने का काम आज भी शुरू नहीं हो पाया है। लाहौल स्पिति के कार्यकारी उपायुक्त एवं एसडीएम केलांग अमर नेगी के मुताबिक बिजली और टेलीफोन सेवा ठप हो जाने से राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। फिलहाल जिंगजिंगबार में कुछ विदेशी पर्यटकों के फंसे होने की जानकारी मिली है जबकि बातल, छतडू, कोकसर, दारचा, उदयपुर और सरचू में बड़े और पर्यटक वाहनों के फंसे होने की सूचना है। प्रदेश के पंडोह बांध, चमेरा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। नदियों में गाद की मात्रा बढ़ जाने से लारजी सहित कई पनविद्युत परियोजनाएं आज तीसरे दिन भी ठप रही। प्रदेश में आसमानी आफत के चलते कल भी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं बीती रात पुरानी मनाली में क्लब हाउस के पास एक जीप के उफनती मनालसू नदी में गिर जाने से 3 लोग बह गये। उनका कोई अता पता नहीं लग पाया है। बहने वालों में एक महिला भी शामिल है। उधर कुल्लू की मणीकर्ण घाटी के ग्लू पुल नामक स्थान पर आज सुबह एक स्कूटी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से दो युवक उफनती पार्वती नदी में समा गए। ये स्कूटी पंजाब नंबर की है। पार्वती नदी में बह गए युवकों की पहचान नहीं हो पायी है और न ही ये मालूम हुआ है कि ये कहां के रहने वाले थे। उधर बजौरा में एक 15 वर्षीय लड़की सुल्ताना उफनती ब्यास नदी में बह गई। ब्यास और पार्वती नदियों में बहे इन लोगों में से किसी का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है।
कुल्लू में सोमवार को भारी वर्षा के कारण उफनती ब्यास नदी की जद में अाकर क्षतिग्रस्त मकान। -प्रेट्र
कांगड़ा जिला के ज्वाली क्षेत्र की ज्वाली खड्ड पार करते समय एक युवक तिलकराज पानी की तेज धारा में बह गया। युवक के शव को तलाशने के लिए अभियान जारी है। इधर ऊना जिला के गगरेट में गोल्डन स्टार नामक जूस फैक्टरी की इमारत गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक भरत सिंह इस कंपनी में मैनेजर था, वह दिल्ली का रहने वाला था। ऊना के ही चिंतपूर्णी क्षेत्र के बनसेहरा में भूस्खलन से जहां सुरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति का परिवार बेघर हो गया है वहीं बिलासपुर के जुखाला में भी एक मकान गिरने से एक परिवार बेघर हो गया। इस बीच भारी वर्षा और बाढ़ से कुल्लू जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कुल्लू और मनाली के बीच कई स्थानों पर सड़क का नामोनिशान ही मिट गया है। मनाली को जोड़ने वाला लेफ्ट बैंक रोड जहां लुग्गड़हट्टी के पास पूरी तरह से ब्यास में बह गया है वहीं राईट बैंक से जाने वाली सड़क पर डोभी में मुख्य व एक मात्र पुल बाढ़ में बह गया है। मनाली के निकट पुलिस थाने के साथ भी सड़क पूरी तरह से बह गई है। कुल्लू और मनाली के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से कट चुका है जिसे बहाल करने में अभी कई दिन लगेंगे। इस बीच स्वारघाट-बिलासपुर और कालका-शिमला सड़क भूस्खलन के कारण आज एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बंद रही। शिमला-कालका सड़क पर चक्की मोड़ के पास एक भारी भरकम चट्टान एक कार पर गिरी। हालांकि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। ठियोग-हाटकोटी सड़क भी भारी भूस्खलन के चलते आज दिन भर पट्टीढांक के पास बंद रही जबकि किन्नौर से गुजरने वाला हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग आंशिक रूप से कुछ स्थानों पर यातायात के लिए खोल दिया गया है। इस बीच प्रदेश में जारी भारी वर्षा को देखते हुए राज्य में कल भी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
बारिश के दौरान एक पेड़ उखड़कर कार पर जा गिरा। गनीमत है कि कार में उस समय कोई मौजूद नहीं था। -प्रेट्र
स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जनजातीय क्षेत्र भरमौर के होली में पहुंचे चंबा जिला के प्राथमिक स्कूलों के 1200 लड़के और लड़कियां सड़कें बंद हो जाने तथा भारी वर्षा के कारण फंस गए हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिलाधीश चंबा को इन बच्चों की देख-रेख तथा मौसम साफ होने पर इन्हें घर तक पहुंचाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्पिति घाटी में स्थित चंद्रताल झील घूमने गए आईआईटी मंडी के पांच शिक्षक ग्राम्फू-काजा सड़क पर भारी बर्फबारी में फंस गए हैं। ये लोग सप्ताहांत पर चंद्रताल घूमने गए थे और उसके बाद से इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। आशंका है कि ये शिक्षक भी भारी बर्फबारी के बीच में फंसे हुए हैं। बीते 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में 259 मिलीमीटर, कालाटौप में 225, डलहौजी में 170, खेरी में 157, देहरा, गोपीपुर, मनाली और गग्गल में 121, नयनादेवी में 120, चंबा में 117, गुलेर में 112, पालमपुर में 108, गंभरौर में 96, तीसा में 82, नदौन में 78, ऊना में 71, शिमला में 70 और कसौली में 64 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज राज्य के मैदानी इलाकों में भारी वर्षा तथा मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
सन‌् 1955 में दिखा था एेसा मंज़र
लाहौल स्पीति जिले के निचले क्षेत्रों में जहां दो फुट तक बर्फबारी हुई है वहीं केलंग में 4 फीट, कोकसर में 6 फीट जबकि रोहतांग व बारालाचा व 8 फीट से अधिक बर्फवारी हुई है। बताया जा रहा है कि करीब 6 दशक पहले 1955 में सितंबर महीने में लाहौल घाटी में इतनी बर्फबारी हुई थी। कार्यकारी उपायुक्त अमर नेगी ने हालात सामान्य होने तक लोगों को एक गांव से दूसरे गांव तक न जाने की सलाह दी है।
चमेरा बांध का डाटा पंजाब से साझा करने के निर्देश
शिमला (निस): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की आज शिमला में आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों से राज्य में लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान, पुनर्वास और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में बताया कि लाहौल-स्पीति में कोकसर से 45 वाहनों को वापस लाया गया है। इसी प्रकार जवाहर नवोदय विद्यालय चंबा से 600 विद्यार्थियों और शिक्षकों तथा चंबा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मैहला से 100 विद्यार्थियों को स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त चंबा जिले में राख के तीन परिवारों को भी लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व और लोक निर्माण मनीषा नंदा ने पंजाब के राजस्व आयुक्त को भी स्थिति से अवगत कराया तथा उनके साथ चमेरा बांध डाटा साझा किया ताकि पंजाब सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसके अतिरिक्त, चमेरा बांध अधिकारियों को भी पंजाब में थीन बांध (रणजीत सागर बांध) के साथ अपने बांध से सम्बन्धित डाटा साझा करने की सलाह दी गई है। उपायुक्त चंबा ने पठानकोट के उपायुक्त को आवश्यक एहतियात बरतने को कहा है।
कंडाघाट के संपर्क मार्ग अवरुद्ध
कंडाघाट (निस) : पिछले 3 दिनों से कंडाघाट उपमंडल में लगातार बारिश होने से उपमंडल की 4 प्रमुख सड़कों सहित ग्रामीण सम्पर्क सड़कें बंद हो गयी हैं। कंडाघाट-चायल वाया साधुपुल सड़क दोची में भूस्खलन से अौर क्यारीबंगला-मालगा, पौघाटी-हरिपुर, वाकनाघाट-स्पाटू, जुन्गा साघुपुल सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बंद हैं। एसडीओ लोक निर्माण विभाग रविकपूर ने बताया कि सभी सड़कों की बहाली का कार्य चल रहा है।
मंडी में अलर्ट जारी
मंडी (निस) : उपायुक्त ने मंडी जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन संभावित तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला से गुजरने वाले अधिकांश प्रमुख मार्ग यातायात के लिए खुले हैं, केवल मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग द्वाडा के पास बंद है और जल स्तर घटते ही यहां से यातायात बहाल कर दिया जाएगा। फिलहाल कुल्लू जाने के लिए वाया कटौला से बजौरा तक यातायात व्यवस्था की गयी है। जिले में पिछले 24 घंटों में 10 घर, 10 गौशालाएं व एक शौचालय के ढहने की सूचना है।

Tuesday, August 28, 2018

बीबीसी हिंदी डॉट कॉम : नियम व शर्तें

बीबीसी की हिंदी वेबसाइट का उपयोग करते हुए आप निम्नलिखित नियम व शर्तों से बंधे होते हैं जो पहली बार   का उपयोग करते ही आप पर लागू हो जा जाती हैं.
नियम व शर्तों के बारे में पूरी और अपडेटे
आप इस बात से सहमत हैं कि आप   का उपयोग सिर्फ़ वैध कार्यों के लिए करेंगे और इसका उपयोग इस तरह से करेंगे कि इससे किसी अन्य के अधिकारों का हनन न होता हो, किसी अन्य को   देखने और उसका आनंद लेने में बाधा न पहुँच रही हो. इस व्यवहार में किसी को तंग करना, किसी के लिए तनाव पैदा करना, अभद्र या अश्लील सामग्री भेजना या साइट में बाधा पहुँचाना शामिल है.

आ समुदाय को ऐसी कोई जानकारी न भेजें या साझा न करें जो किसी की अवमानना करता हो या वह ग़ैरक़ानूनी हो. इसमें इबारत, ग्राफ़िक, ऑडियो और वीडियो सभी शामिल हैं.
समुदाय को ऐसी कोई भी सामग्री भेजना प्रतिबंधित है जिसका उद्देश्य कोई ग़ैरक़ानूनी कार्य करना या उसे बढ़ावा देना हो.
आप इस बात से सहमत है कि आप को सिर्फ़ वही सामग्री भेजेंगे जो मौलिक हो. आप बीबीसी या उसके सहयोगी के कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, गोपनीयता नीति और व्यक्तिगत अधिकारों का हनन नहीं करेंगे.
5. यदि आपकी उम्र 16 से कम है
कृपया b समुदाय में हिस्सा लेने से पहले अपने माता-पिता या अभिभावक की अनुमति ज़रुर ले लें.
अपने बारे में या किसी और के बारे में कोई भी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न दें. उदाहरण के लिए स्कूल का नाम, टेलीफ़ोन नंबर, अपना पूरा नाम, घर का पता और ईमेल का पता.
6. यदि आप नियम तोड़ते हैं
 के सामुदायिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए यदि आप किसी नियम का उल्लंघन करते हैं तो आपसे संपर्क किया जाएगा जिससे कि आपको यह सूचना दी जा सके कि आपकी सामग्री का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा है या उसका संपादन क्यों किया गया है.
इससे यह भी हो सकता है कि आपकी सामग्री को जाँचे बिना पन्नों पर न लगाया जाए या फिर  के सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लेने पर स्थाई रुप से रोक लगा दी जाए.
यदि आप  में कोई आपत्तिजनक या आक्रामक सामग्री भेजते हैं या आप में किसी भी तरह की बाधा पहुँचाते हैं या ऐसा बार-बार करने की कोशिश करते हैं तो बीबीसी इसे गंभीरता से लेती है और वह आपके बारे में बीबीसी के पास उपलब्ध जानकारी का उपयोग इसे रोकने के लिए कर सकती है. इसमें आपके नियोक्ता, आपके स्कूल या आपके ईमेल प्रोवाइडर को सूचना देना भी शामिल हो सकता है.
बीबीसी अपने पास यह अधिकार सुरक्षित रखती है कि वह किसी भी सामग्री को वेबसाइट से हटा ले, या किसी भी समय किसी भी कारण से किसी भी एकाउंट के ख़िलाफ़ कार्रवाई करे.

अस्वीकार्यता और क़ानूनी बाध्यताएँ

मुदाय में ज़्यादातर सामग्री इसके सदस्य ने जुटाते हैं. इसमें जो विचार वे प्रकट करते हैं वो उनके अपने हैं जब तक कि यह नहीं कहा जाए कि वे बीबीसी के विचार हैं. में प्रकट किए गए विचारों के लिए किसी भी तरह से बीबीसी या बीबीसी वर्ल्डवाइड ज़िम्मेदार नहीं है.
 दिए गए लिंक से जुड़े किसी भी तीसरी पार्टी की वेबसाइट पर प्रदर्शित सामग्री के लिए भी बीबीसी ज़िम्मेदार नहीं है और न ही वह उन वेबसाइटों पर प्रकाशित सामग्री का अनुमोदन करता है. उनका उपयोग आप अपनी ज़िम्मेदारी पर कीजिए.
इस विषय में नियम व शर्तों की ताज़ा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

सामान्य जानकारियाँ

*यदि किसी राज्य या देश के क़ानूनों के तहत इन नियमों में से कुछ ग़ैरक़ानूनी, अवैध या लागू करने योग्य नहीं दिखाई पड़ते हैं तो उन हिस्सों को नियमों में से हटा दिया जाएगा और इसका शेष हिस्सा प्रभावी माना जाएगा.
*यदि बीबीसी इन नियमों के तहत अपने अधिकारों को लागू करने में विलंब करती है तो इससे उसका अधिकार ख़त्म नहीं हो जाता.
 का उपयोग इंग्लैंड के नियम व शर्तों के आधार पर होता है जिसे इंग्लैंड के क़ानूनो के आधार पर व्याख्यायित किया जा सकता है और यह इंग्लैंड की अदालतों के दायरे में ही आता है.
या इससे जुड़ी साइटों पर प्रदर्शित सामग्री की कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन राइट्स, पेटेंट और दूसरे बौद्धिक संपदा अधिकार बीबीसी के और इसके अन्य लाइसेंसधारकों के पास सुरक्षित हैं. किसी को भी इसके नकल, पुनर्प्रकाशन, सामग्री को अलग-अलग करने, डाउनलोड करने, पोस्ट करने, प्रसारित करने, सार्वजनिक करने का अधिकार नहीं है.
आप  . का उपयोग अपने लिए और ग़ैरव्यावसायिक कार्यों के लिए कर सकते हैं. आप इस बात पर समहत हैं कि आप  . की सामग्री का उपयोग अपने व्यक्तिगत और ग़ैरव्यावसायिक कार्यों के अलावा किसी भी तरह से नहीं करेंगे जिसमें सामग्री को बदलना या इसके किसी सृजनात्मक सामग्री का उपयोग दूसरी तरह से करना शामिल है.  . की किसी भी सामग्री का कोई और उपयोग करने के लिए पहले लिखित अनुमति लेना आवश्यक है.
ड जानकारी के लिए क्लिक करें (यह पूरी जानकारी अंग्रेज़ी में है)या किसी तीसरी पार्टी का नाम और इसका लोगो और उसकी कोई भी सामग्री कॉपीराइट, डिज़ाइन राइट और ट्रेड मार्क के तहत आते हैं और इसका अधिकार , या किसी तीसरी पार्टी के पास है. इसका किसी भी तरह से उपयोग कॉपीराइट, डिज़ाइन राइट और ट्रेड मार्क का उल्लंघन माना जाएगा.

*लिखित सामग्री से लेकर तस्वीरों, ऑडियो और वीडियो तक कोई भी सामग्री यदि आप बीबीसी को भेजते हैं या साझा करते हैं तो आप इसका इस बात से सहमत होते हैं कि बीबीसी इसका उपयोग बिना भुगतान किए किसी भी तरह से, दुनिया भर में बीबीसी की किसी भी सेवा में कर सकती है. (जिसमें संशोधन और संपादकीय कार्यों के लिए उपयोग के अनुरुप बनाना शामिल है. विशेष परिस्थितियों में बीबीसी आपकी सामग्री को किसी तीसरी पार्टी को भी दे सकती है.
*आपकी सामग्री पर आपका कॉपीराइट बना रहेगा और बीबीसी को दिया गया अधिकार एकाधिकार नहीं होगा यानी आप इस सामग्री का उपयोग कहीं भी करते रह सकेंगे और किसी दूसरे को भी उपयोग में लाने की अनुमति दे सकेंगे.
*इस अनुमति के साथ कि बीबीसी आपकी सामग्री का उपयोग कर सकती है आप इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह सामग्री मौलिक है, किसी की अवमानना नहीं करती और किसी भी तरह से ब्रिटिश क़ानूनों का उल्लंघन नहीं करती है. यह भी कि आपके पास इस सामग्री के उपयोग के अधिकार हैं और यदि इस सामग्री में किसी अन्य व्यक्ति को पहचाना जा सकता है तो आपने उससे अनुमति ले ली है और यदि इसमें 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे शामिल हैं तो उनके अभिभावकों की अनुमति भी आपके पास है.
*हम आम तौर पर आपकी सामग्री के साथ आपका नाम प्रकाशित करते हैं जब तक कि आप नाम प्रकाशित न करने का अनुरोध न करें. लेकिन तकनीकी कारणों से ऐसा हर बार संभव नहीं होता. आपकी भेजी गई सामग्री के विवरण जानने और प्रशासनिक कारणों और किसी विशेष परियोजना के संबंध में आपसे संपर्क कर सकती है. यह जानने के लिए कि हम आपसे कम और कैसे संपर्क कर सकते हैं, बीबीसी की गोपनीयता नीति पढ़िए और कुछ स्थानीय नियम भी जो वहाँ लागू होते हैं.
*जब आप बीबीसी को भेजने के लिए सामग्री जुटा रहे हों तो कृपया अपने आपको और दूसरों को ख़तरे में मत डालिए, अनावश्यक जोख़िम मत उठाइए या क़ानून मत तोड़िए.
*यदि आप बीबीसी को ये अधिकार देने को सहमत नहीं हैं तो अपनी सामग्री   को मत भेजिए.
*यदि आप समाचार से जुडी कोई सामग्री भेज रहे हैं तो यह याद रखिए कि इसे बीबीसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ साझा किया जाएगा, वे प्रतिष्ठित विदेशी समाचार प्रसारक हैं जिन्हें आपकी सामग्री में परिवर्तन का अधिकार नहीं है और न ही इसे ब्रिटेन के किसी मीडिया हाउस या प्रिंट मीडिया को देने का अधिकार है.
* सामग्री भेजने को लेकर यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप बीबीसी यूजीसी के बारे में आमतौर से पूछे जाने वाले सवालों के जवाब पढ़ें.
 के किसी भी सामुदायिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए अपनी राय व्यक्त करने के लिए या ब्लॉग में शामिल होने के लिए आपको अपने आपको रजिस्टर करवाना पड़ सकता है. इस प्रक्रिया में या b में किसी और तरह की भागीदारी के दौरान यदि आप अपने बारे में व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करते हैं तो इसे बीबीसी की गोपनीयता नीति के तहत सुरक्षित रखा जाएगा.आपकी सामग्री सुसंस्कृत और रुचिकर हो.
b.बाधाकारी, आक्रामक और अभद्र व्यवहार न हो: सामग्री रचनात्मक और विनम्र हो, दुर्भावना न हो और इसका उद्देश्य समस्या खड़ी करना न हो.
c.ग़ैरक़ानूनी और आपत्तिजनक न हो: ग़ैरक़ानूनी, अवमानना करने वाली, अभद्र, धमकाने वाली, अश्लील, सेक्स से जुड़ी सामग्री, रंगभेद पैदा करने वाली और अन्य तरह से आपत्तिजनक सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी.
d.धैर्य रखे: हो सकता है कि   के इस सामुदायिक कार्यक्रम में हर उम्र और क़ाबिलियत के लोग हिस्सा ले रहे हों.
e.स्पैम या विषय से अलग सामग्री न भेजें: हम एक ही सामग्री और मिलती जुलती सामग्री को बार-बार भेजने की अनुमति नहीं देते. किसी भी विषय पर अपनी राय एक से अधिक बार न भेजें. या विषय से हटकर कोई सामग्री भी न भेजें.
f.विज्ञापन या प्रचार सामग्री न भेजें.
g.स्पॉइलर' नहीं: ऐसी कोई भी सामग्री जिसमें ऐसी जानकारियाँ हो, जो ब्रिटेन के टेलीविज़न पर प्रसारित न की गई हों, को हटा दिया जाएगा, जब तक कि उसे स्पॉइलर की तरह दर्शाया न गया हो और स्पॉइलर के लिए निर्दिष्ट स्थान पर न लिखा गया हो.
h.ऐसी सामग्री जो हिंदी में भेजी गई हो उसे हटा दिया जाएगा, जब तक कि इसकी संबंधित विभाग स्वीकृति न दे.
i.वैयक्तिक नहीं
j.कोई अनुचित यूज़र नेम का प्रयोग नहीं, जो अभद्र या आक्रामक हो
k. यूआरएल (वेबसाइट का नाम) का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब स्थानीय नियम इसकी अनुमति देते हों.
l. शिकायत की सुविधा के दुरुपयोग की अनुमति नहीं: यदि कोई बार-बार ऐसा करता पाया जाता है तो इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई हो सकती है.
2.आपका बीबीसी एकाउंट
यदि आप सामुदायिक कार्यक्रम में बाधा पहुँचाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति की असुविधा के लिए कई लॉग इन का उपयोग करते हैं तो आपके एकाउंट के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा सकती है.
बीबीसी के सभी एकाउंट एक वैध व्यक्तिगत ईमेल पते के साथ ही रजिस्टर होने चाहिए जिससे कि किसी विशेष कार्यक्रम से संबंधित ईमेल आपको भेजे जा सकें. किसी दूसरे के नाम पर या अस्थाई नाम से रजिस्टर किए एकाउंट को बिना सूचना के बंद कर दिया जाएगा. यदि कोई पाठक ऐसे ईमेल का उपयोग कर रहे हैं जो वैध नहीं है तो हम उनसे ईमेल की पुष्टि करने को कह सकते हैं.
बीबीसी ऐसे एकाउंट को बंद करने का अधिकार सुरक्षित रखती है जो ग़लत आईपी एड्रेस का उपयोग करते हुए अपने आपको रजिस्टर करता है जिससे कि वह कई नामों से बीबीसी एकाउंट खोल सके, या कोई व्यक्ति यदि ब्रिटेन में नहीं है और बताए कि वह ब्रिटेन में है या वह बीबीसी की सेवाओं को किसी भी तरह से बाधित करने का प्रयास कर रहा हो.

Friday, August 17, 2018

中国重塑生态环境治理顶层机构

一氧化碳环保部管,二氧化碳却归发改委管。” 在2013年的一个会议上,时任环保部部长周生贤公开表示他对于环保监管碎片化的无奈。

这一尴尬的局面将成为历史。3月13日,新的国务院机构改革方案在正在举行的全国“两会”上公布并提交审议,原属发改委的气候变化和减排职责,连同分散在其他多个部委的环保职责,将划归新组建的生态环境部,中国即将开启生态环境“大部制”时代。这一方案将在3月17日由全国人大进行表决。

“九龙治水”或成历史

很长一段时间以来,人们习惯用“九龙治水”形容中国生态环境治理局面。涉及生态环境保护的各项工作和职能分散在环保、发改、水利、农业、海洋等不同的政府部门中,各部门之间的合作和协调成本高昂。

公众环境研究中心主任马军指出,“原本地下水、流域管理、农业污染治理分散在多个部委,造成管理职责交叉重叠,甚至形成相互推诿。” 对此,国家林业局昆明勘察设计院院长唐芳林也深有体会。他以国家公园为例进一步解释说:“以前出台一个国家公园体制试点方案,需要国家发改委等13个委、部、局盖章,简单问题复杂化,相互掣肘导致效率低下。”

在本轮机构改革中,分属不同政府机构的生态环境保护职能被整合到了新组建的两个部门中,新的生态环境部将吸纳原先环境保护部的全部职能、原属发改委的气候变化和减排职能和另外五个部门的环境保护职能。

除此之外,新的自然资源部将承担起国有自然资源的“所有人”角色,负责对土地、森林、草原、湿地和水资源等自然资源的权属划分和管理,并将管理同样是新组建的国家林业和草原局。该局将是未来中国自然保护区和国家公园的主管单位。旦大学环境经济研究中心副主任李志青表示,整合机构职能有助于降低部门间的协作成本,提高协作效率。唐芳林也认为:“现在,所有自然资源归自然资源部管,原来分散在众多部门的国家公园、自然保护区等自然保护地将进行统一管理,彻底解决了长期存在的交叉重叠、争权推责等痼疾。”

本轮机构改革是20年来中国进行的第三次大刀阔斧的政府机构职能调整,并沿袭了10年一次的改革规律。值得注意的是,在每一次政府部门改革中,生态环境保护的地位都得到了提升和加强,从一个不起眼的局级单位一步一步攀升为如今担负多种职责的主要部级单位。政府机构演变折射出中国愈发强调环境保护和可持续发展的总体趋势。

“生态文明”理念落地

自从2012年“生态文明”理念被提升到与经济、政治、文化和社会建设同等重要的地位,外界对于这一理念的解读与猜测就不曾停息。2015年公布的《生态文明体制改革总体方案》(以下简称“《总体方案》”)为这一理念在制度层面的贯彻落实设定了总体原则、目标和路线图,并提出到2020年“构建起生态文明制度体系”。

环保专家彭应登告诉中外对话,此次国务院机构改革是生态文明路线图中最为具体化的步骤之一,并为后续政策出台,如水权交易、生态补偿等打下了基础。彭曾任北京大气环境研究所所长,是环境保护部规划环评专家库成员。

2015年的《总体方案》确立了“自然资本”、“空间均衡”和“生命共同体”等几个核心理念。并与之对应地提出“自然生态是有价值的”,以及“整体性、系统性”管理自然资源的要求。”同时也强调,“人口规模、产业结构、增长速度不能超出当地水土资源承载能力和环境容量。”

新成立的两个部门所承担的职责与这几个核心理念相对应。自然资源部将成为中国大部分自然资源的“所有者”,对自然资源及其产权进行调查登记,并建立自然资源的“有偿使用制度。”国务院发展研究中心研究员谷树忠、李维明曾撰文指出,长久以来,中国过度强调自然资源的经济价值,忽视和削弱了它们的生态价值、文化价值,并由此而导致自然资源的过度消耗甚至严重浪费,并认为,“建立健全自然资源资产产权制度,是生态文明体制改革的重点和难点。”

自然资源部还整合了原国土资源部、发改委和住建部的空间规划职能,有望成为整个国家的“总规划者”,并将生态环境考量纳入空间规划中。例如“生态红线”的划定,未来将不再由多个部门各自进行,而将统一到自然资源部。“因为自然资源部对资源家底更清楚,划起来更有效,也避免不同部门应规划而打架。” 彭应登说。

而两个部门的新职能都在一定程度上体现了生态系统整体性考虑。山、水、林、田、湖等生态环境不再被人为分割,而将统一到自然资源部进行管理和修复,而排向空气、河流、海洋、土壤的各种污染物,不管是二氧化硫还是二氧化碳,则会由生态环境部“一手抓”。

不过,新的职能划分并未像此前的一些方案建议的那样,将自然资源保护和污染防治进一步整合到一个“超级生态环境部”之下。目前的设置意味着在自然资源保护和污染防治之间仍需要一定的部际协调。生态区域规划部门可能仍需跨部门就污染排放监督进行沟通。“遇到一些事项,部际协作是在所难免的。”唐芳林解释说,“今后如果有国家公园受到附近水污染的威胁,生态环境部就有责任配合自然资源部协同处理。”

难题待解

专家认为,此次机构改革将有助于解决此前生态环境领域存在的一些老大难问题。

对此,全球环境研究所(GEI)生态保护与社区发展项目经理彭奎深有体会。他以森林和草原举例:“以前存在‘林草之争’。对某一区域进行生态改善,是造林还是种草?如果种树,经费就会拨给林业局,如果是种草,经费就会给到农业部门。所以,到最后实施的方案,实际上是部门利益之争的结果。但现在把林和草统一管理就解决了这个矛盾,更有利于强化草原生态系统的建设和管理。”

但新的生态文明体制格局仍需处理一些棘手的问题。谷树忠和李维明曾总结自然资源管理体制存在的五大问题,其中中央与地方关系是一个突出矛盾。一方面,中央政府虽名义上掌握资源(如国有土地)的所有权,但实际上这些资源的管理权却掌握在地方政府手中,所有权与管理权不匹配,“极易造成资产流失。”另一方面,他们认为权益和责任分配在中央与地方间也不合理。资源所在地政府往往承担过多责任,但获得较少收益,影响其积极性。

彭奎表示,大部制改革属于顶层设计,但从地方上来看,从省、市到县,今后是不是也要根据国务院机构改革来进行相关调整,“目前还不清楚。”

不过,从一些先行先试的领域已能看到重塑“央地关系”的端倪。在去年公布的《国家公园体制总体方案》中,就已提出“分级管理”思路,先由中央政府和省级政府对国家公园内的国有自然资源直接和代理行使所有权,并逐步过渡到全部由中央政府直接行使所有权。浙江省是提前试点生态文明体制改革的省份之一。在2017年7月公布的《浙江省生态文明体制改革总体方案》中,也提出了按照不同资源的重要程度,厘清省政府直接行使所有权、市县政府行使所有权的资源清单和空间范围。而行使所有权职责的地方政府也将“享有所有者权益。”

Friday, August 10, 2018

जब गुजराती युवाओं ने अपना नाम ‘आज़ाद’ रखा

हम में से बहुत से लोग भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद के उपनाम के बारे में नहीं जानते होंगे.
13 साल की उम्र में चंद्रशेखर ने अपने उपनाम तिवारी को हटाकर आज़ाद जोड़ लिया था.
चंद्रशेखर आज़ाद से प्रेरित होकर गुजरात के युवाओं ने 'आज़ाद', 'कामदार' और 'बादशाह' जैसे नाम चुने.
वडोदरा में कर्जन और शिनोर के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम पर 'अंबालाल गांधी और रसिक भाई आज़ाद' नामक किताब लिखने वाले ललित राणा अपनी किताब में ज़िक्र करते हैं कि रसिक शाह ने एक दिन अपना नाम बदलकर 'रसिक आज़ाद' कर लिया.
रसिक भाई आज़ाद गांधी के अहिंसा आंदोलन को मानने वाले थे. वडोदरा ज़िले के चोरंडा गांव में वह एक अध्यापक थे. अंबालाल गांधी चोरंडा में रहते थे और वह स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में सक्रिय थे. अंबालाल गांधी और रसिक भाई आज़ाद एक ही विचारधारा को मानते थे.
अन्य नेताओं की तरह चंद्रकांत और पद्माबेन ने भी 'आज़ाद' उपनाम को अपना लिया था.
चंद्रकांत और पद्माबेन आज़ाद मज़दूर संघ के नेता थे और मज़दूरों के अधिकार के लिए काम करते थे.
इस इलाक़े में कई लोगों ने अपने असली नामों को छोड़कर 'आज़ाद', 'कामदार' और 'बादशाह' जैसे उपनामों को अपनाया
1942 में जब पूरा देश भारत छोड़ो आंदोलन की गिरफ़्त में था तब वडोदरा के लोग ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ अपने तरीक़े से संघर्ष कर रहे थे.
देश में जब आठ अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई तो गिरफ़्तारियां होने लगीं.
'अंबालाल गांधी और रसिक भाई आज़ाद' में इसका ज़िक्र है कि ब्रिटिश शासन का विरोध कर रहे वडोदरा के लोग लगातार जुलूस निकाल रहे थे.
इन जुलूसों में शामिल रहने वाले लोगों के ख़िलाफ़ ब्रिटिश शासन और वडोदरा रियासत ने वॉरंट जारी किए. 18 अगस्त 1942 की दोपहर को नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया और विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
लाठी और बंदूकों से लेस पुलिसकर्मियों को वडोदरा की सड़कों पर तैनात किया गया.
'अंबालाल गांधी और रसिक भाई आज़ाद' की किताब के मुताबिक़, भारत छोड़ो आंदोलन के तहत वडोदरा के क़रीब अदास गांव में एक प्रदर्शन आयोजित किया गया. वडोदरा से बहुत से युवाओं ने इसमें भाग लिया और पुलिस फ़ायरिंग में छह छात्रों की जान गई.
वडोदरा के कोटी पोल (गली) में लाठी चार्ज और फ़ायरिंग हुई जिसमें दो युवा मारे गए थे.
इन युवाओं की याद में वडोदरा और आणंद के बीच अदास रेलवे स्टेशन के नज़दीक एक स्मारक बनाया गया है.
वडोदरा जनजागृति अभियान के संयोजक मनहर शाह ने बीबीसी गुजराती सेवा से कहा कि फ़ायरिंग और लाठीचार्ज के ख़िलाफ़ वडोदरा ज़िले में कई प्रदर्शन हुए.
उन्होंने कहा, "शिनोर गांव के स्कूल और कॉलेजों में छात्रों ने जाना बंद कर दिया और उन्होंने विरोध मार्च आयोजित किया. प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया."
"प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन पर पथराव किया और गांव के डाकखाने को आग लगा दी."

Thursday, June 21, 2018

食品革命,从学生食堂开始?

周二晚上,上海市中心的一间宴会厅里,40多人比肩连袂地坐成一排排,他们中有老有少,既有衣着光鲜的专业人士,也有穿着随意的学生。这些人有的来自食品行业,有的是决策者,有的来这里只是出于好奇,但他们对重新思考社会的食品问题都有着共同的兴趣

中国人的饮食习惯正处在变革的十字路口。上世纪80年代经济改革以来,日益壮大的中产阶级的膳食结构开始发生变化,肉类所占的比例逐渐增加,导致猪肉、鸡肉和牛肉生产空前繁荣。今时今日,肉类已经成为大多数家庭膳食的主要组成部分,但人们对于那段肉类紧俏的日子记忆犹新。
中国国内的农业部门也已经开始应对民众饮食习惯的改变。目前中国猪肉产量占全球总产量的48%,家禽和畜牧养殖业的规模虽然增长较为缓慢,但却在不断扩大。小型农场正在被大规模的工业化集团所取代。

集约化肉类养殖行业的扩张对自然资源造成了压力。中国生猪存栏量几乎占世界总量的一半,但中国仅有全球10%的可用耕地和7%的淡水资源。华北11个省份中有8个面临着水资源短缺的问题。

污染也是一大问题。据美国智库组织Brighter Green估计,来自大中型养殖场的污水仅3%得到处理,导致大量流出的污水进入人类的供水系统。而过量使用抗生素也导致人类的耐药性上升。

这些影响是“生态文明”和“美丽中国”工程需要面对的。对中国而言,西方的大农业模式未必可取,更非必由之路。

安全问题

这是一场由“良食基金”主办的研讨会。与会的人们之所以聚到一起并不是为了讨论大农业,他们感兴趣的是食品和健康之间不断变化的关系,以及中式和美式饮食的差别。可以感觉到他们对此欠缺了解。

他们想知道如何保证食品供应链的安全可靠。转基因食品是好是坏?是否应该担心水资源的过度使用?用玉米喂养肉牛是否比用草喂更好?

这次讨论就像是对当前中国食品和环境广泛关注的一个缩影。

耶鲁助理副校长、食品专家拉菲·塔海伦正在北京、杭州、上海、成都、长沙的高校巡回演讲,分享自己在耶鲁校园里推广“可持续”菜单(他将此定义为“对人类和地球都有益的食物”)的经验。

Wednesday, May 23, 2018

но корректным»: что Путин и Макрон обсудят в Санкт-Петербурге

Президент Франции Эммануэль Макрон прибывает в Россию для участия в Санкт-Петербургском экономическом форуме. В ходе визита глава Пятой республики встретится со своим российским коллегой Владимиром Путиным. На повестке переговоров урегулирование сирийского и украинского конфликтов, иранское досье, двустороннее экономическое сотрудничество и энергетические проекты. По мнению экспертов, диалог будет непростым, и «прорывных результатов ожидать не приходится». Каких договорённостей могут достичь лидеры двух стран, выяснял RT.

В четверг, 24 мая, в северную столицу России по приглашению Владимира Путина прибывает президент Франции Эммануэль Макрон. Переговоры двух лидеров состоятся в Константиновском дворце в Стрельне.
На следующий день глава Пятой республики примет участие в пленарном заседании Санкт-Петербургского экономического форума. 
В делегацию президента Франции войдут министры иностранных дел и культуры Жан-Ив Ле Дриан и Франсуаз Ниссен, госсекретарь по экономике Дельфин Жени-Стефан, председатели групп дружбы «Россия — Франция» в обеих палатах французского парламента (Национальном собрании и сенате), деятели науки и культуры. Два президента встречаются третий раз. Это первый визит Эммануэля Макрона в качестве главы французского государства в нашу страну. Он пробудет в Санкт-Петербурге два дня и вернётся в Париж 25 мая.
«Первые позиции будут занимать наиболее острые проблемы: Сирия, Украина, может быть, иранское досье», — отметил в интервью RT заведующий кафедрой всеобщей истории РАНХиГС Игорь Игнатченко.
Как пишет издание Le Journal du Dimanche, источник в Елисейском дворце отметил наличие серьёзных расхождений с Россией по украинской и сирийской проблематике, а также по делу Скрипаля, однако не сообщил, какое место займут эти вопросы на переговорах Владимира Путина и Эммануэля Макрона.
«Диалог между двумя лидерами будет решительным, но корректным по форме», — утверждает издание.
По словам пресс-секретаря президента РФ Дмитрия Пескова, российская сторона на переговорах с французской делегацией, как и ранее во время встречи Владимира Путина и канцлера Германии Ангелы Меркель в Сочи, не намерена поднимать тему санкций против нашей страны. 
Ранее пресс-служба Кремля сообщала, что президенты двух стран намерены обсудить «актуальные международные и региональные вопросы»: Совместный всеобъемлющий план действий (СВПД) по иранской ядерной программе, «сирийское урегулирование и внутриукраинский кризис».