Monday, September 24, 2018

बारिश का तांडव, केलांग-किन्नौर में भारी बर्फबारी, 8 मरे

हिमाचल प्रदेश में आसमान से बरसती आफत ने बीते 24 घंटों के दौरान कई लोगों की जानें लीं जबकि प्रदेश के कई मार्ग बंद हो गये हैं। राज्य के तमाम छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। जनजातीय जिला लाहौल स्पिति, किन्नौर, चंबा जिला के पांगी और भरमौर तथा धौलाधार पहाड़ियों पर आज तीसरे दिन भी हिमपात जारी रहा। खासकर लाहौल स्पिति जिला में हो रही भारी बर्फबारी से ये पूरा जिला जहां शेष दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है वहीं जिले के भीतरी भागों में बिजली और दूरसंचार सेवाएं पूरी तरह ठप्प हैं तथा लोग अपने घरों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। जानकारी के मुताबिक केलांग-लेह सड़क पर जिंगजिंगबार और दारचा के बीच लगभग तीन सौ पर्यटक फंसे हुए हैं। भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद होने की वजह से फंसे लोगों को निकालने का काम आज भी शुरू नहीं हो पाया है। लाहौल स्पिति के कार्यकारी उपायुक्त एवं एसडीएम केलांग अमर नेगी के मुताबिक बिजली और टेलीफोन सेवा ठप हो जाने से राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। फिलहाल जिंगजिंगबार में कुछ विदेशी पर्यटकों के फंसे होने की जानकारी मिली है जबकि बातल, छतडू, कोकसर, दारचा, उदयपुर और सरचू में बड़े और पर्यटक वाहनों के फंसे होने की सूचना है। प्रदेश के पंडोह बांध, चमेरा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। नदियों में गाद की मात्रा बढ़ जाने से लारजी सहित कई पनविद्युत परियोजनाएं आज तीसरे दिन भी ठप रही। प्रदेश में आसमानी आफत के चलते कल भी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं बीती रात पुरानी मनाली में क्लब हाउस के पास एक जीप के उफनती मनालसू नदी में गिर जाने से 3 लोग बह गये। उनका कोई अता पता नहीं लग पाया है। बहने वालों में एक महिला भी शामिल है। उधर कुल्लू की मणीकर्ण घाटी के ग्लू पुल नामक स्थान पर आज सुबह एक स्कूटी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से दो युवक उफनती पार्वती नदी में समा गए। ये स्कूटी पंजाब नंबर की है। पार्वती नदी में बह गए युवकों की पहचान नहीं हो पायी है और न ही ये मालूम हुआ है कि ये कहां के रहने वाले थे। उधर बजौरा में एक 15 वर्षीय लड़की सुल्ताना उफनती ब्यास नदी में बह गई। ब्यास और पार्वती नदियों में बहे इन लोगों में से किसी का भी अभी तक पता नहीं चल पाया है।
कुल्लू में सोमवार को भारी वर्षा के कारण उफनती ब्यास नदी की जद में अाकर क्षतिग्रस्त मकान। -प्रेट्र
कांगड़ा जिला के ज्वाली क्षेत्र की ज्वाली खड्ड पार करते समय एक युवक तिलकराज पानी की तेज धारा में बह गया। युवक के शव को तलाशने के लिए अभियान जारी है। इधर ऊना जिला के गगरेट में गोल्डन स्टार नामक जूस फैक्टरी की इमारत गिर जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक भरत सिंह इस कंपनी में मैनेजर था, वह दिल्ली का रहने वाला था। ऊना के ही चिंतपूर्णी क्षेत्र के बनसेहरा में भूस्खलन से जहां सुरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति का परिवार बेघर हो गया है वहीं बिलासपुर के जुखाला में भी एक मकान गिरने से एक परिवार बेघर हो गया। इस बीच भारी वर्षा और बाढ़ से कुल्लू जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कुल्लू और मनाली के बीच कई स्थानों पर सड़क का नामोनिशान ही मिट गया है। मनाली को जोड़ने वाला लेफ्ट बैंक रोड जहां लुग्गड़हट्टी के पास पूरी तरह से ब्यास में बह गया है वहीं राईट बैंक से जाने वाली सड़क पर डोभी में मुख्य व एक मात्र पुल बाढ़ में बह गया है। मनाली के निकट पुलिस थाने के साथ भी सड़क पूरी तरह से बह गई है। कुल्लू और मनाली के बीच सड़क संपर्क पूरी तरह से कट चुका है जिसे बहाल करने में अभी कई दिन लगेंगे। इस बीच स्वारघाट-बिलासपुर और कालका-शिमला सड़क भूस्खलन के कारण आज एक दर्जन से अधिक स्थानों पर बंद रही। शिमला-कालका सड़क पर चक्की मोड़ के पास एक भारी भरकम चट्टान एक कार पर गिरी। हालांकि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। ठियोग-हाटकोटी सड़क भी भारी भूस्खलन के चलते आज दिन भर पट्टीढांक के पास बंद रही जबकि किन्नौर से गुजरने वाला हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग आंशिक रूप से कुछ स्थानों पर यातायात के लिए खोल दिया गया है। इस बीच प्रदेश में जारी भारी वर्षा को देखते हुए राज्य में कल भी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।
बारिश के दौरान एक पेड़ उखड़कर कार पर जा गिरा। गनीमत है कि कार में उस समय कोई मौजूद नहीं था। -प्रेट्र
स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जनजातीय क्षेत्र भरमौर के होली में पहुंचे चंबा जिला के प्राथमिक स्कूलों के 1200 लड़के और लड़कियां सड़कें बंद हो जाने तथा भारी वर्षा के कारण फंस गए हैं। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिलाधीश चंबा को इन बच्चों की देख-रेख तथा मौसम साफ होने पर इन्हें घर तक पहुंचाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्पिति घाटी में स्थित चंद्रताल झील घूमने गए आईआईटी मंडी के पांच शिक्षक ग्राम्फू-काजा सड़क पर भारी बर्फबारी में फंस गए हैं। ये लोग सप्ताहांत पर चंद्रताल घूमने गए थे और उसके बाद से इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। आशंका है कि ये शिक्षक भी भारी बर्फबारी के बीच में फंसे हुए हैं। बीते 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में 259 मिलीमीटर, कालाटौप में 225, डलहौजी में 170, खेरी में 157, देहरा, गोपीपुर, मनाली और गग्गल में 121, नयनादेवी में 120, चंबा में 117, गुलेर में 112, पालमपुर में 108, गंभरौर में 96, तीसा में 82, नदौन में 78, ऊना में 71, शिमला में 70 और कसौली में 64 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज राज्य के मैदानी इलाकों में भारी वर्षा तथा मध्यम और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
सन‌् 1955 में दिखा था एेसा मंज़र
लाहौल स्पीति जिले के निचले क्षेत्रों में जहां दो फुट तक बर्फबारी हुई है वहीं केलंग में 4 फीट, कोकसर में 6 फीट जबकि रोहतांग व बारालाचा व 8 फीट से अधिक बर्फवारी हुई है। बताया जा रहा है कि करीब 6 दशक पहले 1955 में सितंबर महीने में लाहौल घाटी में इतनी बर्फबारी हुई थी। कार्यकारी उपायुक्त अमर नेगी ने हालात सामान्य होने तक लोगों को एक गांव से दूसरे गांव तक न जाने की सलाह दी है।
चमेरा बांध का डाटा पंजाब से साझा करने के निर्देश
शिमला (निस): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की आज शिमला में आयोजित बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों से राज्य में लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान, पुनर्वास और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में बताया कि लाहौल-स्पीति में कोकसर से 45 वाहनों को वापस लाया गया है। इसी प्रकार जवाहर नवोदय विद्यालय चंबा से 600 विद्यार्थियों और शिक्षकों तथा चंबा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मैहला से 100 विद्यार्थियों को स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त चंबा जिले में राख के तीन परिवारों को भी लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व और लोक निर्माण मनीषा नंदा ने पंजाब के राजस्व आयुक्त को भी स्थिति से अवगत कराया तथा उनके साथ चमेरा बांध डाटा साझा किया ताकि पंजाब सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसके अतिरिक्त, चमेरा बांध अधिकारियों को भी पंजाब में थीन बांध (रणजीत सागर बांध) के साथ अपने बांध से सम्बन्धित डाटा साझा करने की सलाह दी गई है। उपायुक्त चंबा ने पठानकोट के उपायुक्त को आवश्यक एहतियात बरतने को कहा है।
कंडाघाट के संपर्क मार्ग अवरुद्ध
कंडाघाट (निस) : पिछले 3 दिनों से कंडाघाट उपमंडल में लगातार बारिश होने से उपमंडल की 4 प्रमुख सड़कों सहित ग्रामीण सम्पर्क सड़कें बंद हो गयी हैं। कंडाघाट-चायल वाया साधुपुल सड़क दोची में भूस्खलन से अौर क्यारीबंगला-मालगा, पौघाटी-हरिपुर, वाकनाघाट-स्पाटू, जुन्गा साघुपुल सड़कें क्षतिग्रस्त होने से बंद हैं। एसडीओ लोक निर्माण विभाग रविकपूर ने बताया कि सभी सड़कों की बहाली का कार्य चल रहा है।
मंडी में अलर्ट जारी
मंडी (निस) : उपायुक्त ने मंडी जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि भूस्खलन संभावित तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला से गुजरने वाले अधिकांश प्रमुख मार्ग यातायात के लिए खुले हैं, केवल मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग द्वाडा के पास बंद है और जल स्तर घटते ही यहां से यातायात बहाल कर दिया जाएगा। फिलहाल कुल्लू जाने के लिए वाया कटौला से बजौरा तक यातायात व्यवस्था की गयी है। जिले में पिछले 24 घंटों में 10 घर, 10 गौशालाएं व एक शौचालय के ढहने की सूचना है।